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अनुज शाहजहाँपुरी

Drama Tragedy

4.2  

अनुज शाहजहाँपुरी

Drama Tragedy

भूखा भिखारी

भूखा भिखारी

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कुछ टुकड़ों का शिकारी हूँ 

मैं एक भूखा भिखारी हूँ


पाँव में बड़े - बड़े छाले हैं

फटा झोला कंधे पे डाले है


किस्मत का हारा जुआरी हूँ

मैं एक भूखा भिखारी हूँ


बदन में धूल को संभाले हूँ

बालों में मधुमक्खियों को पाले हूँ


हर चौखट का पुजारी हूँ

मैं एक भूखा भिखारी हूँ


एक सूखा हुआ फूल हूँ

जूते के तले की धूल हूँ


उम्मीद को पेट में संवारे हूँ

मैं एक भूखा भिखारी हूँ


कोई सपना नहीं पाला है

सिर्फ कटोरे को संभाला है


सारे मुल्क का आभारी हूँ

मैं एक भूखा भिखारी हूँ...।।


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