सच्चा सुख
सच्चा सुख
जीवन में सुख की तलाश सब को है।
पर सुख आज तक किसी को मिल न सका।
क्योंकि हम सुख तलाश रहे है बाहर,
जबकि सुख का निवास अन्दर है।
जो आनंद सिन्धु सुख राशी,
सीकर तें त्रिलोक सुपासी।
सो सुखधाम राम अस नामा,
अखिल लोक दायक विश्रामा।
उस परम तत्व से,
जुड़ जाना परम सुख है।
बाहर की दुनियादारी में,
केवल छल, कपट दुख है।।