कभी दुनिया जैसे यौवन सी.... कभी अनसुलझी सी सुलझन सी ,,, मुझको तो प्यारी लगती है,,, कभी दुनिया जैसे यौवन सी.... कभी अनसुलझी सी सुलझन सी ,,, मुझको तो प्यारी लगती है,...
पानी बरसे कमतर, ज्यादा लहू बरसता आया हैं। पानी बरसे कमतर, ज्यादा लहू बरसता आया हैं।
सर - सर चली मैं सरिता बनी सतत समग्र चलने लगी प्रवाहिनी। सर - सर चली मैं सरिता बनी सतत समग्र चलने लगी प्रवाहिनी।
औरत सुंदर है उसके बालो से ? औरत सुंदर है उसकी आंखों से ? औरत सुंदर है उसके नैन नक औरत सुंदर है उसके बालो से ? औरत सुंदर है उसकी आंखों से ? औरत सुंदर ह...
कोई अपनी शक्ति में ही यहां चूर है कोई अपनी शक्ति में ही यहां चूर है
देख तू ही तो मेरी कोख में प्रतिस्थापित है। देख तू ही तो मेरी कोख में प्रतिस्थापित है।