हिलने डुलने से विचारों की जड़ता टूटती है एक उन्मुक्त आनंद की प्राप्ति होती है। हिलने डुलने से विचारों की जड़ता टूटती है एक उन्मुक्त आनंद की प्राप्ति होती है।
आंख मीचते बच्चे जागे, खेल खेलने को वे भागे। आंख मीचते बच्चे जागे, खेल खेलने को वे भागे।
देख तू ही तो मेरी कोख में प्रतिस्थापित है। देख तू ही तो मेरी कोख में प्रतिस्थापित है।
जब-जब बोझिल लम्हें मुझे घेरते हैं तब-तब तुम्हारी आवाज़ अपनी आगोश में लेती है। जब-जब बोझिल लम्हें मुझे घेरते हैं तब-तब तुम्हारी आवाज़ अपनी आगोश में लेती है।
घृणा के स्थान पर जब प्रेममार्ग बनाएगा अपने हृदय से ईर्ष्या को हटाएगा घृणा के स्थान पर जब प्रेममार्ग बनाएगा अपने हृदय से ईर्ष्या को हटाएगा
रात बहुत अकेली रहती दर्द की चीत्कार लिए कर्कश आह सह नही पाता, बस कह नही पाता।। रात बहुत अकेली रहती दर्द की चीत्कार लिए कर्कश आह सह नही पाता, बस कह नही पाता।।