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Bhavna Thaker

Romance

3  

Bhavna Thaker

Romance

तेरी आवाज़

तेरी आवाज़

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गली से गुज़रते फकीर की पाक सुफ़ियाना धुन सी, 

तेरी आवाज़ से पिघलता है मेरे दिल से दर्द का दरिया !

 

एक पुरसुकून सरगम सी लगती है तेरी आवाज़, 

मेरी बेचैन रूह को करिश्माई रोशनी से भरती है ! 


जब-जब बोझिल लम्हें मुझे घेरते हैं 

तब-तब तुम्हारी आवाज़ अपनी आगोश में लेती है।

 

लब खुलते ही तुम्हारे धड़क चुकती है

दिल की तान लय से फिसलकर !

 

मेरे रोम-रोम में सारंगी बजती है सुनकर तेरी पुकार

न रहना मौन तुम कभी

तुम्हारी आवाज़ मेरी साँसों का श्रृंगार है,

चलती रहेंगी तब तक

जब तक रस तुम्हारी आवाज़ घोलती रहेगी।


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