Bhavna Thaker
Classics
कायनात की किसी शै में अमृत नहीं मिलेगा !
वो बैठा है प्रेमियों के अधरों पर लहलहाता।
पूछो पहले चुम्बन की मोहर लगी
माशूका से मिठाश का मर्म,
शर्माते लबों पर उसका जीभ का रगड़ना
अमृत के उद्भव की सुनहरी गाथा कहेगा।
शून्य थी मैं
सुकून से रह
नहींईईईई
रात की सौगात ...
अमृत की गाथा
मोहताज क्यूँ ...
एहसास को स्पर...
मोहिनी के मान...
कहाँ कुछ ज़्य...
मज़ा मिलना चा...
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित भगवान कृष्ण बैठे हुए थे। श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित भगवान कृष्ण बैठे हुए थे।
श्री कृष्ण का चिंतन करती रहें वाणी से लीलाओं का गान करें। श्री कृष्ण का चिंतन करती रहें वाणी से लीलाओं का गान करें।
यज्ञ प्रारम्भ करने के लिए बड़े बड़े ऋषि मुनि बैठे एकत्रित होकर । यज्ञ प्रारम्भ करने के लिए बड़े बड़े ऋषि मुनि बैठे एकत्रित होकर ।
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित शरद ऋतू आई थी व्रज में। श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित शरद ऋतू आई थी व्रज में।
वही द्रोण नन्द हुए और धरा जन्मीं यशोदा के रूप में। वही द्रोण नन्द हुए और धरा जन्मीं यशोदा के रूप में।
बुद्धिमान पुरुष समान अजगर के उसी को खाकर ही अपना जीवन निर्वाह करे, उदासीन रहे। बुद्धिमान पुरुष समान अजगर के उसी को खाकर ही अपना जीवन निर्वाह करे, उदासीन ...
शांत सौम्य हो रहे थे सभी नक्षत्र, ग्रह, तारे आकाश में। शांत सौम्य हो रहे थे सभी नक्षत्र, ग्रह, तारे आकाश में।
भगवान कृष्ण ने कहा, उद्धव जो कुछ कहा तुमने मुझसे मैं वही करना चाहता हूँ। भगवान कृष्ण ने कहा, उद्धव जो कुछ कहा तुमने मुझसे मैं वही करना चाहता हूँ।
कुरुक्षेत्र में दिव्यदृष्टि से, झाँक-झाँक तत्काल । कुरुक्षेत्र में दिव्यदृष्टि से, झाँक-झाँक तत्काल ।
दूसरों का अपकार किया हुआ सह लिया जाये साधुता से ही। दूसरों का अपकार किया हुआ सह लिया जाये साधुता से ही।
श्रीशुकदेव जी कहें, पुरुरवा के उर्वशी से छ पुत्र हुए। श्रीशुकदेव जी कहें, पुरुरवा के उर्वशी से छ पुत्र हुए।
शंखचूड मोहि इहां पठावा , दूतकर्म लगि प्रभु मै आवा । शंखचूड मोहि इहां पठावा , दूतकर्म लगि प्रभु मै आवा ।
अपनी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का अभिनय सा गंभीर प्रयास कर रहे हैं अपनी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का अभिनय सा गंभीर प्रयास कर रहे हैं
आदिपुरुष सृष्टि हैं करते पंचभूतों के द्वारा सबकी। आदिपुरुष सृष्टि हैं करते पंचभूतों के द्वारा सबकी।
आरोप कर के अन्य वस्तुओं का निषेध कर देतीं हैं उनका। आरोप कर के अन्य वस्तुओं का निषेध कर देतीं हैं उनका।
किया हर युग में, कितना अपमानित, कितने दुर्बल हो, हुआ यह प्रमाणित। किया हर युग में, कितना अपमानित, कितने दुर्बल हो, हुआ यह प्रमाणित।
इस वंश में पुरुरवा आदि बड़े बड़े पवित्रकीर्ति राजा हुए। इस वंश में पुरुरवा आदि बड़े बड़े पवित्रकीर्ति राजा हुए।
राजा विदर्भ की पत्नी भोज्या तीन पुत्र उसके हुए थे कुश, क्रथ और रोमपाद नाम था। राजा विदर्भ की पत्नी भोज्या तीन पुत्र उसके हुए थे कुश, क्रथ और रोमपाद नाम ...
वेद ब्राह्मण इस विषय में जो कुछ कहते हैं, ठीक सब। वेद ब्राह्मण इस विषय में जो कुछ कहते हैं, ठीक सब।
एक बार योगमाया से अपनी मत्स्य अवतार धारण किया उन्होंने। एक बार योगमाया से अपनी मत्स्य अवतार धारण किया उन्होंने।