नहींईईईई
नहींईईईई


चलो युद्ध को विराम दें
अब कुछ नहीं करना
कुछ भी नहीं
हँस कर अलविदा कहें
कोई तंज नहीं कसना
तुम चले जाओ
यही सही रहेगा
और तो मैं क्या कहूँ
अब बस एक ही जद्दोजहद है
तुम्हें भूलना है
रत्ती भर भी मेरे भीतर
खुद को मत छोड़ जाना
सारी यादें पीछे छोड़ना चाहती हूँ
उम्र का सफ़र लंबा है
उदास रहने की आदी नहीं
कितनी झूठी हूँ मैं
आदत कोई भी हो
इतनी जल्दी कहाँ छूटती है
अब जाओ भी
तुम्हारा पीछे मूड़ कर देखना
हौसलों को पिघला रहा है
फ़िक्र मत करो जी लूँगी
अपना ख़याल रखना
न...न...ना नैना नम नहीं
ये तो बस यूँहीं, तुम भी न
अब अलविदा पर भी युद्ध?
नहींईईईईई.........