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Teena Suman

Classics

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Teena Suman

Classics

तेरी परछाई हूं मैं

तेरी परछाई हूं मैं

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मां तू ममता की मूरत है,

तेरी मेरी एक जैसी सूरत है,

जिसे देख कहते हैं लोग पुराने,

तेरी जाई हूं मैं,

सच ही तो है तेरी परछाई हूं मैं।


तेरी बगिया का फूल हूं,

खून पानी से जिसे सीचां तूने,

महकता रहे आंगन दूजे का,

रख दिल पर पत्थर दूर किया

जिसे वह पराई हूं मैं,

सच ही तो है तेरी परछाई हूं मैं।


मेरा रूठना तेरा मनाना,

सुनाकर नित नई किस्से कहानियां

वह तेरा एक एक निवाला खिलाना,

याद कर गुजरा जमाना

मन ही मन मुस्काई हूं मैं,

सच ही तो है तेरी परछाई हूं मैं।


आती हूं अब भी जब पास तेरे,

हां मालूम है बड़ी हो गई हूं मैं पर !

फिर भी बच्चों सी,

तेरी गोद में समाई हूं मैं,

सच ही तो है तेरी परछाई हूं मैं।


हंसना बोलना सब

तुझसे ही तो सीखा है,

जीवन का आधार है तू,

मेरी प्रथम पाठशाला है तू,

तू एक ठंडी हवा सी,

तेरी पुरवाई हूं मैं,

हां सच ही तो है

तेरी परछाई हूं मैं।


सोचती हूं क्या क्या वर्णन करूं,

मनमोहक रूप लिखूं या वात्सल्य लिखूं,

छोटी सी कलम मेरी नतमस्तक है आगे तेरे,

खूबियां तेरी, मोल तेरा अब समझ पाई हूं मैं,

सच ही तो है तेरी परछाई हूं मैं।


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