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Kumar Naveen

Classics

5.0  

Kumar Naveen

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सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना

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सरस्वती माँ शारदे, मुझे ज्ञान का वर दे


मैं हूँ मूरख, माँ मगर तू, विद्या की देवी

विद्या की देवी, माँ तू विद्या की देवी।

मन तिमिर में, लौ जला दे, ज्ञान की देवी

ज्ञान की देवी, माँ तू ज्ञान की देवी।


मैं अज्ञानी, माँ तू मुझ पर, एक कृपा कर दे

सरस्वती माँ शारदे, मुझे ज्ञान का वर दे।


हंसवाहिनी माँ तेरी मैं, कैसे करूँ वंदन

कैसे करूँ वंदन, माँ कैसे करूँ वंदन।

वीणा का हर तार करता, तेरा अभिनंदन

तेरा अभिनंदन माँ, बस तेरा अभिनंदन।


मझधार में है जिन्दगी बस, पार तू कर दे

सरस्वती माँ शारदे, मुझे ज्ञान

का वर दे।


वीणा पुस्तक धारिणी, मेरे मन में तू बस जा

मन में तू बस जा, माँ मेरे मन में तू बस जा।

रोम-रोम तेरा हो जाऐ, छोड़ के न जा

छोड़ के न जा, माँ मुझे छोड़ के न जा।


स्नेह आँचल से मुझे, आशीष से भर दे

सरस्वती माँ शारदे, मुझे ज्ञान का वर दे।


कमल ऊपर माँ सदा, करती हो बसेरा

करती हो बसेरा, माँ करती हो  बसेरा।

शिक्षा की ज्योति से भरती, जीवन में सवेरा

जीवन में सवेरा, माँ जीवन में  सवेरा।


पुत्र तेरा है "नवीन", सम्मान का वर दे

सरस्वती माँ शारदे, मुझे ज्ञान का वर दे।


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