तब ही आना
तब ही आना
अगर किये हुए वादे निभा सको,
मेरे बिखरे हुए ख्वाब को सिमट सको,
तब ही आना।
साथ ज़िंदगीभर का निभा सको,
मेरे विचारों को समझ सको,
मेरी भावनाओ की कद्र कर सको,
मेरे आँसु और खुशी की वजह समझ सको,
तब ही आना।
गुरसा और प्यार समझ सको,
मेरी मौजुदगी की कद्र कर सको,
तब ही आना।
दुनिया की assunption वाली बेड़िया तोड़ सको,
साथ मेरा निभा सको,
तब ही आना।
वरना
मै खुश हु अपनी ज़िंदगी से,
अपने आँसू अपने अधूरे से ख्वाब से,
मजबूत हु पर अब टूटी
तो नहीं संभल पाऊँगी सायद अपने आपसे,
क्या पता कही खो दु अपने को अपने आप से,
इस लिए अब तब ही आना जब सबकुछ संभाल सको।
