तो शायद गलत हो तुम।
तो शायद गलत हो तुम।
दिमाग से जीने वाले लोगों के साथ,
तुम दिलसे जी रहे हो
तो शायद गलत हो तुम।
प्रैक्टिकल लोगो के सामने
हॉप रख रहे हो आप,
तो शायद गलत हो तुम।
अपनी भावनाओं को ना समझे अगर कोई,
तो उसको समझाने मैं वक्त झाया कर रहे हो,
तो शायद गलत हो तुम
आंखों मैं ख्वाब लेकर अगर उसे बंध आंखों से देख रहे हो,
तो शायद गलत हो तुम।
उलझनों को सुलझाने के बजाय उसमें उलझ रहे हो
तो शायद गलत हो तुम।
