क्या खोया क्या पाया ?
क्या खोया क्या पाया ?
कुछ अपने छुटे राह में,
कुछ अपनो का साथ पाया।
ख्वाबो को पुरा किया,
जिंदगी के हर पल को जिया ।
बाकी तो इस भीड़ में,
क्या खोया क्या पाया?
कुछ यादों का पिटारा पाया,
कागज -कलम का संगम पाया
बाकी तो क्या खोया क्या पाया?
