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अभिषेक कुमार 'अभि'

Tragedy

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अभिषेक कुमार 'अभि'

Tragedy

कोरोना महामारी'

कोरोना महामारी'

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यह कैसी आई बीमारी?

नाम है कोरोना महामारी!

चीनी नगर वुहान से निकल,

अन्य देशों में पहुँची है चल।

छाई है बन संकट भारी,

और बनी वैश्विक महामारी।

नाम है कोरोना महामारी!


‘सार्स को वी टू’ है विषाणु,

जो कोविड उन्नीस फैलाता।

प्राण घातक है प्रभाव जो

तीव्र श्वसन-पात करवाता।

प्रयोगोतपन्न कि प्राकृतिक यह

शंका सबकी रही है जारी।

नाम है कोरोना महामारी!


ज्वर-सर्दी-खाँसी-स्वांस फूलना

लक्षण इसके ये महत्वपूर्ण।

कभी स्पर्शोन्मुख ही रहना

फैला जाए संक्रमण संपूर्ण।

एक से चौदह दिवसों तक की

ऊष्मायन अवधि है भारी।

नाम है कोरोना महामारी!


संक्रमण का है हस्तान्तरण,

मुख्यतः, सूक्ष्म बूंद संचरण।

‘फोमाइट’ वस्तु छूकर के

आँख नाक मुँह छूने कारण।

प्रतिरक्षा कमज़ोर हुई तो

अवसर पा कर चपेट मारी।

नाम है कोरोना महामारी!


इसी निवारण हेतु पल पल

साबुन हस्त प्रक्षालन करना।

मास्क पहनना, अंग न छूना,

सामाजिक दूरी है निभाना।

दुर्बल, रोगी, वृद्ध की चिंता,

गृहवसान की जिम्मेवारी।

नाम है कोरोना महामारी!


लक्षण या सम्पर्क हुआ तो

‘क्वारन्टीन’ चौदह दिन होना।

जाँच करा जो पॉजिटिव आए,

सूचित कर भरती हो जाना।

स्वास्थ्य तंत्र संग कर सहयोग;

है भलाई इसी में तुम्हारी।

नाम है कोरोना महामारी!


अस्सी प्रतिशत साधारणतर;

छह में एक बने गंभीर।

दो-चार प्रतिशत की मृत्युदर;

पुष्ट उपचार न, ऐसी पीर।

बचाव ही एक मार्ग है, जबतक

टीका की चल रही तैयारी।

नाम है कोरोना महामारी!


पूर्वावधान रखो, न डरना;

प्रसाशन का कहना मान।

लॉक डाउन का पालन करना;

योद्धाओं का हो सम्मान।

मानवता की जीत सुनिश्चित!

बस कुछ समय में ये भी हारी;

नाम जो कोरोना महामारी!!



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