पापा कम सुनते हैं
पापा कम सुनते हैं
अच्छा है,
पापा, अब कम सुनते हैं
बेटे अब बड़े हो गए हैं
बढ़ती उम्र के साथ-साथ
आशाएं भी उनकी बढ़ी है
बेटों और पोते से चाहत
अब बढ़ी है,
पर यह क्या,
पापा की हरकतें देख
सब की भृकुटी तनती है
अब पापा की हर बात में
उन्हें नादानी दिखती है
उनके बीच में बोलने पर
बेटों की आवाज चढ़ती है
अच्छा है,
पापा, अब कम सुनते हैं
चश्मे का कहीं भूल जाना
सबको बड़ा अखरता है
चार ताने सुनकर ही
चश्मा हाथ में मिलता है
तानों की यह बौछार तो
हर बात में अब मिलती है
अच्छा है,
पापा, अब कम सुनते हैं
पापा की खरीदारी
अब फजूल खर्ची लगती है
उनके शौक
उनकी आदतें
सठीयापन लगती है
भगवान में मन लगाओ
यही सलाह अब मिलती है
अच्छा है,
पापा, अब कम सुनते हैं
उनका कराहना,
धीरे से चलना,
सबको नौटंकी लगता है
बीमारी और घबराहट में भी
कहाँ सहारा मिलता है
इनके बड़े नखरे हैं
यही उलाहना
अब मिलता है
अच्छा है,
पापा, अब कम सुनते हैं
अच्छा है,
पापा, अब कम सुनते हैं