एक नया सूरज उगना है
एक नया सूरज उगना है
एक दूसरे का ख्याल
अब हमको ही रखना है
ढलती उम्र में अब कहां
अहंकार को पालना है
ऊंची- नीची जीवन रूपी डगर पर
चलना और फिसलना
है
हाथ थाम कर एक दूसरे का
यूं ही तो अब संभालना है
डरी -सहमी आंखों में अब
फिर उम्मीद का उजियारा लाना है
भिंच कर उंगलियों को सारे
हम सबको बलशाली मुट्ठी बन जाना है भय को देकर मात
वैरी को अब कुचलना है
हो संगठित यूं ही
आखरी दम तक
अब साथ-साथ चलना है।
राहों में हो अंधेरा ,
फिर भी
जुगनुओं सा चमकना है।
मिलकर सब एक साथ,
एक नया सूरज उगाना है,
कभी नहीं टूटना,
न हताश होना है
एक-दूसरे के सहारे,
बस यूं ही चलते रहना है।"
चलते रहना है।"
बस यूं ही चलते रहना है।"
चलते रहना है।"
