भारत के वीर
भारत के वीर
भारत के वीर सपूत,देश हित जान गंवाई
अपनी जान दी कभी गर्दन नहीं झुकाई
दिल में देशभक्ति की ज्वाला धधकती
जो कभी नहीं बुझी,हृदयपुंज सी जलती
दुश्मनों के समक्ष कभी नहीं झुका भाल
स्वदेश रक्षा हेतु हमेशा तैयार होता लाल
वीरता की कहानियाँ करतीं आज प्रेरित
देश की रक्षा में करते, वीर शीश अर्पित
सच्चे देशभक्तों ने ,सर्वस्व किया अर्पण
देश की आजादी हेतु , घर-द्वार समर्पण
उनकी कुर्बानी को हम कभी नहीं भूलेंगे
वीरता की कहानी को हमेशा याद रखेंगे
धरा पर जिनकी वीरता की अमर कहानी
भारत के सपूत, सच्चे जुझारू बलिदानी
सीमा पर खड़े हैं ,तान हिमालय सा सीना
हर तूफां में उनको शंभू सा गरल है पीना
रात अंधेरी, संघर्षों की या धूप रहे कड़ी
रक्षक वे, कभी न झुके, कैसी पड़े घड़ी
देशभक्ति की लहरें जिनकी सांसें बसतीं
उनके दिल में वंदे मातरम की धुन सजती
हर एक गोली, का वे वार हंस के सहते
माँ की गोद में लेटे आंसू न कभी बहते
उनकी आंखों में बस एक ही था सपना
भारत माता को बनाना है स्वर्णिम रत्ना
जब भी दिखे संकट, वो सबसे रहे आगे
अपने खून से सींचेते, ये धरतीपूत जागे
उनके लिए नहीं कोई खुद की थी आशा
बस देश की रक्षा ही उनकी अभिलाषा
वीरों का ये बलिदान कभी न होगा व्यर्थ
हर भारतवासी पर उनका दैव रहे कर्ज़
धन्य है वे माँ, जिन्होंने जन्मे ऐसे लाल
जिनके जज़्बे के आगे झुकेता हर भाल
जय हिंद का नारा, उनकी ज़ुबान में होता
हर लम्हा वे देश के हित जीता और मरता
इन वीरों के नमन में, झुकता शीश हमारा
भारत वीरों, तुमसे ही है भारतवर्ष हमारा।
