तुम्हारे ही रहम से इस जहाँ में, ज़िंदा, मोहब्बत का ख़ुदा है तुम्हारे ही रहम से इस जहाँ में, ज़िंदा, मोहब्बत का ख़ुदा है
नौजवानों इस वतन का कल है हाथों में तुम्हारे। नौजवानों इस वतन का कल है हाथों में तुम्हारे।
आज बहुत तड़प रहा हूं उसे दोबारा मिलने को लेकिन वह इतनी दूर चली गई के अब बस, उसकी याद आज बहुत तड़प रहा हूं उसे दोबारा मिलने को लेकिन वह इतनी दूर चली गई के अब बस, ...
पिछड़े होगे कभी तुमसे तुम्हारी भीड़ के चाल में पर हम अपने पहचान को संभालना नहीं भूले पिछड़े होगे कभी तुमसे तुम्हारी भीड़ के चाल में पर हम अपने पहचान को संभालन...
वसुधा पर छाया सन्नाटा चिड़ियों को चहका रे। वसुधा पर छाया सन्नाटा चिड़ियों को चहका रे।
जीवन-रूपी विष पीता हूँ। जीवन-रूपी विष पीता हूँ।