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Anand Kumar

Romance

5.0  

Anand Kumar

Romance

तुम हो

तुम हो

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मेरा अतीत भी तुम हो 

मेरा आज भी तुम हो,

तुमसे अलग कुछ नहीं 

तुमसे परे कुछ नहीं


जुदा तुमसे कभी जो हो गया,

समझ लेना ज़िंदा अब मैं नहीं


तुम हो तो इश्क़ ज़िंदा है

तुम हो तो दिल धड़कता है 

तुमसे ही मशहूर, जहाँ में 

मेरी,आशिकी का हर किस्सा है 


तुम्हारे ही रहम से इस जहाँ में, 

ज़िंदा, मोहब्बत का ख़ुदा है


तुमसे ही मेरे सब रिश्ते हैं 

तुमसे ही सब चाहतें हैं मेरी, 

जो तुम नहीं साथ

मेरे, जीने की,

मेरे पास कोई वजह शेष नहीं


जुदा तुमसे कभी जो हो गया ,

समझ लेना ज़िंदा अब मैं नहीं


तुम्हें देख-देख कर ही 

इन आँखों में सुकून है 

धड़कने दिल की, हैं 

तुम्हारी हँसी के सहारे


मोहब्बत ज़िंदा है मुझ में

तुम्हारी सांसों के सहारे


राह-ए-मोहब्बत की 

मेरी रहबरा तुम हो,

चाहे जहाँ ले चलो अब 

मेरी रहनुमा तुम ही हो


जुदा तुमसे कभी जो हो गया ,

समझ लेना ज़िंदा अब मैं नहीं


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