Anand Kumar
Romance
उसकी हर 'ना'
मेरी प्रेरणा बनती है,
एक नई कविता के लिए।
सोचता हूँ, जो
कभी उसने 'हाँ 'कह दी,
तो क्या होगा ?
वो नज़्म
सुखदेव थापर
तुम मेरे बसंत...
कविताएँ हाला ...
।ये दिल नहीं ...
जग सुन्दर लगत...
उसकी 'ना'
उससे जुदाई
मैं तुमसा हो...
कितना प्यार क...
हवा में उड़ते सूखे पत्ते, सच्चे प्रेम के कुछ किस्से गाते पंछी। हवा में उड़ते सूखे पत्ते, सच्चे प्रेम के कुछ किस्से गाते पंछी।
दिल की अलमारी में मिल गई, अहसासों की पुरानी किताब। दिल की अलमारी में मिल गई, अहसासों की पुरानी किताब।
वो जो खो गया है कहींं, आज भी मेरे साथ चलता है! वो जो खो गया है कहींं, आज भी मेरे साथ चलता है!
गिनना चाहती हूँ तारों को मैं, चाँद पर बैठना चाहती हूँ, थोड़ी देर... गिनना चाहती हूँ तारों को मैं, चाँद पर बैठना चाहती हूँ, थोड़ी देर...
पता नहीं कुछ वर्षों की या जन्मों का है सहारा ना तेरा ना मेरा कहता, कहता सब है हमारा। पता नहीं कुछ वर्षों की या जन्मों का है सहारा ना तेरा ना मेरा कहता, कहता सब है...
इश्क़ है; सिलवटों से भरे बिस्तरों में, अपनी प्रेयषी की खुशबू को ढूँढना ! इश्क़ है; सिलवटों से भरे बिस्तरों में, अपनी प्रेयषी की खुशबू को ढूँढना ...
यह नशा ताउम्र न उतरे ! यह नशा ताउम्र न उतरे !
जो तुम्हारा ही नहीं, उसे क्यों अपनी ज़िन्दगी समझते हो। जो तुम्हारा ही नहीं, उसे क्यों अपनी ज़िन्दगी समझते हो।
उदासियों का कर के आलिंगन, ले लो सुबह सवेरे अंगड़ाई। उदासियों का कर के आलिंगन, ले लो सुबह सवेरे अंगड़ाई।
अमलतास सी वफा की छाँव ही छाँव बरसती है। अमलतास सी वफा की छाँव ही छाँव बरसती है।
मैं बन जाती थी आसमान, वो तारा बनकर मुझमें बिखर जाता था... मैं बन जाती थी आसमान, वो तारा बनकर मुझमें बिखर जाता था...
मैं तो अब भी वही हूँ कशमकश भरे कदम रखते हुए, हाथों में मेघदूत पकड़े, भारी पलकों को थामे... मैं तो अब भी वही हूँ कशमकश भरे कदम रखते हुए, हाथों में मेघदूत पकड़े, ...
छुपो तुम लाख ही मुझसे तुम्हें मैं ढूंढ ही लूँगा। छुपो तुम लाख ही मुझसे तुम्हें मैं ढूंढ ही लूँगा।
घटा सावन घनेरी है, .......अँधेरी रात कजरारी चमक बिजुरी कटारी ने, जिया में घात है मारी। विरह की... घटा सावन घनेरी है, .......अँधेरी रात कजरारी चमक बिजुरी कटारी ने, जिया में घात...
इत्मिनान इतना कि स्वप्न में थी मैं और तुम अभी चालीसवें में हो। इत्मिनान इतना कि स्वप्न में थी मैं और तुम अभी चालीसवें में हो।
कुछ पल के लिये धडकनें थम सी गयी उनका दिदार कर आँखे छलक सी गयी बाहर भी बारिश है,अंदर भी बारिश ह... कुछ पल के लिये धडकनें थम सी गयी उनका दिदार कर आँखे छलक सी गयी बाहर भी बारि...
आज से नहीं कई जन्म से करता हूँ तुम जिस भी रूप में थी हर उस रूप से करता था, करता हूँ औ... आज से नहीं कई जन्म से करता हूँ तुम जिस भी रूप में थी हर उस रूप से करत...
समझ नहीं पा रही मेरा आँचल छोटा है या तुम्हारे एहसान बड़े क्यूँ समेट नहीं पा रही। समझ नहीं पा रही मेरा आँचल छोटा है या तुम्हारे एहसान बड़े क्यूँ समेट न...
जाओ घटाओ जाओ जाओ, विरहाग्नि न भड़काओ तुम। जाओ घटाओ जाओ जाओ, विरहाग्नि न भड़काओ तुम।
मैं उस करिश्मे की साक्षी बन कर हैरान थी वो पहली मुलाक़ात थी, वो उन दिनों की बात थी। मैं उस करिश्मे की साक्षी बन कर हैरान थी वो पहली मुलाक़ात थी, वो उन दिनों की बा...