STORYMIRROR

डॉ मधु त्रिवेदी

Romance

4  

डॉ मधु त्रिवेदी

Romance

आपके बिना

आपके बिना

1 min
216

आपके बिन रह अधूरे जाएंगे

जिन्दगी में हो अँधेरे जाएंगे


दूरियाँ अपनी मिटेगी आज तो 

आपके हो हम दीवाने जाएंगे


दौड़ती थी जिन्दगी रफ्तार से

काम के बिन तो निवाले जाएंगे


दिल हमारे जल रहे अंगार है

पास आये तो पिघलते जाएंगे


बस निभाते ही रहे इस प्यार को

दूर जाने पर उजड़ते जाएंगे


आप आकर रोज हमसे मिले जब

 साथ पाकर हो तुम्हारे जाएंगे


 इस मुहब्बत पर लुटा दे सर्वस्व तू 

जाम मय वो पिलाते जाएंगे


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance