मुहब्बत मुहब्बत
उनकी चाहत में जुगनू सी पल पल जली मैं बढ़ गये अपने कदम मुहब्बत की गली में। उनकी चाहत में जुगनू सी पल पल जली मैं बढ़ गये अपने कदम मुहब्बत की गली में।
एक मुहब्बत थी मेरी, जो दो हिस्सों में बंट गयी, एक तरफ तेरी बेवफाई, दूजी मेरी तन्हाई रह गयी ... एक मुहब्बत थी मेरी, जो दो हिस्सों में बंट गयी, एक तरफ तेरी बेवफाई, दूजी मेरी तन्...
पाने की चाहत ही है मुहब्बत, जिद में मगर झूठा प्यार है...! पाने की चाहत ही है मुहब्बत, जिद में मगर झूठा प्यार है...!
नहीं कोई मेरा जताऊँ किसे मैं। नहीं कोई मेरा जताऊँ किसे मैं।