STORYMIRROR

दिले हाल अपना

दिले हाल अपना

1 min
746


दिले हाल अपना बताऊँ किसे मैं

कहानी मुहब्बत सुनाऊँ किसे मैं।


चला था अकेला बहुत चोट खायी,

जिगर आज घायल दिखाऊँ किसे मैं।


नहीं कोई साथी मिला जिंदगी में,

सहारा जीने का बनाऊँ किसे मैं।


तड़पता रहा याद में दिलरुबा के,

जख्म घाँव भरने बुलाऊँ किसे मैं।


बता यार *बोधन* ये रिश्ता है कैसा,

नहीं कोई मेरा जताऊँ किसे मैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama