बस इतना अरमान
बस इतना अरमान
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धन दौलत के फेर में, मानव दौड़ा जाय।
लालच में पड़ के वही, गलत राह अपनाय।।
अंधा होता गर्व से, धन है जिसके पास।
नहीं गरीबी का पता, कहाँ भूख अहसास।।
भूखे को भोजन मिले, सेवा मिले अनाथ।
ऐसे जन को चाहिए, थोड़ा धन ही साथ।।
रोटी कपड़ा साथ में, जीवन हो आसान।
रहने को घर भी मिले, बस इतना अरमान।।
इतनी दौलत के लिए, कर्म करो तुम नेक।
बदनामी से दूर हो, हो लाखों में एक।