खेल भावना
खेल भावना


खेल भावना हो सहीं, तभी मिलेगा मान।
रौशन होगा नाम फिर, दुनिया हो हैरान।।
खेलो देश विदेश में, लहरे परचम आज।
रहे सभी सद्भावना,करे सभी फिर नाज।।
अपने लिए नहीं वरन, खेल देश सम्मान।
गर्व करो तुम देशहित,खुद का होगा मान।।
कपट द्वेष मन में नहीं, सबमें प्रेम समाय।
यही खेल की भावना,जिससे सब हर्षाय।।
हार जीत का खेल है, जीतें कोई एक।
हार हार का लो पहन,जीतो दिल प्रत्येक।।