सबसे प्रेम बनाव
सबसे प्रेम बनाव
अच्छा सा परिवार हो, सबसे प्रेम बनाव।
नहीं किसी से बैर हो, सबसे रहे लगाव।।
खिलता हुआ गुलाब ज्यों, रहे हँसी मुस्कान।
बोल-चाल का हो समय, रहे नहीं अभिमान।।
मातु-पिता हो संग में, सबका कहना मान।
स्वर्ग सुख इनके चरण, यही देव भगवान।।
मीठे-मीठे बोल हो, सुन्दर सा अहसास।
कभी दूर जाना नहीं, हरदम रहना पास।।
इक दूजे का साथ हो, सच्चा सुख परिवार।
इनसे मिलता मान हैं, इनसे हैं संस्कार।