प्रेम भक्ति, दो सब को मान सम्मान सीख मॉं से पाईं माँ एक और रूप अनेक प्रेम भक्ति, दो सब को मान सम्मान सीख मॉं से पाईं माँ एक और रूप अनेक
खुद तकलीफ़ सहकर भी सदा ही वह हँसती रहती... खुद तकलीफ़ सहकर भी सदा ही वह हँसती रहती...
यूँ ही मुलाकात हो गयी, एक प्रेम भरे संसार से, माँ बाबा के प्यार से। यूँ ही मुलाकात हो गयी, एक प्रेम भरे संसार से, माँ बाबा के प्यार से।
वो कड़क सी वो बेधड़क सी वो शक्ति,भक्ति वो उत्साह भरती लड़की । वो कड़क सी वो बेधड़क सी वो शक्ति,भक्ति वो उत्साह भरती लड़की ।
तनावों का व्यापक विस्तार। तनावों का व्यापक विस्तार।
देखी नहीं नींव जब तुमने करते क्यों आधार की बातें ? भूल गए हो कैसे तुम अपने अधिकार की बातें ? देखी नहीं नींव जब तुमने करते क्यों आधार की बातें ? भूल गए हो कैसे तुम अपने अधिका...