Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

tanu jha

Drama

5.0  

tanu jha

Drama

यूँ ही मुलाकात हो गयी

यूँ ही मुलाकात हो गयी

2 mins
231


यूँ ही मुलाकात हो गयी,

एक प्रेम भरे संसार से,

माँ बाबा के प्यार से।


जब आँखे खोली पहली बार,

आँगन द्वारे घर-बार से,

कितने सारे रिश्ते जाने,

छोटी मोटी टकरार से।


मुलाकात हुई फिर मेरी,

माँ के अनोखे संस्कार से,

पापा के हर एक तार से।


यूँ ही मुलाकात हो गयी,

मन के कुछ अरमान से ,

कई जिस्म और जान से।


अपने आत्म-सम्मान से,

जिसने रातों की नींद गवाई,

उसके मन की तान से।


मिलन हुआ फिर धीरे-धीरे,

अपने जीवन की खान से।

गहराई के ज्ञान से,

अपनों के एहसान से।


यूँ ही मुलाकात हो गयी,

एक अनजाने इंसान से,

ईश्वर के वरदान से।


जिससे दोस्ती का मतलब जाना,

एक ऐसे दिल के धनवान से।

कुछ है से जिसको सब कुछ माना,

मैंने जिसको ध्यान से।


स्वर्ण जड़ित एक म्यान से ,

जिसकी तलवार से खेल रही हूँ

मैं भूमि-आसमान से।


यूँ ही मुलाकात हो गयी,

सौंदर्य सिद्ध अय्यार से।

अपने सपनों की धार से,

प्रेम भरे एक तार से।


नव-जीवन जब रचित हुआ,

भिन्न-भिन्न आकार से।

अवगत हो गयी फिर मैं यूँ ही,

अपने जीवन के सार से।


सुन्दर सोलह-श्रृंगार से ,

नारीत्व की हर दरकार से।

यूँ ही मुलाकात हो गयी,

एक दिन मेरी काल से।


मौत लिए एक नाल से ,

दैत्य दिखे उन बाल से।

याद आ गयी सारी यादें,

मुझको मेरे हाल से।


छूट गयी में इस दुनिया के,

मोह भरे जंजाल से।

मिलन हो गया मेरे हृदय का,

मेरे उस करतार से।


कुछ ईश्वरी सवाल से,

परम शक्ति की ढाल से।।


Rate this content
Log in