देखी नहीं नींव जब तुमने करते क्यों आधार की बातें ? भूल गए हो कैसे तुम अपने अधिकार की बातें ? देखी नहीं नींव जब तुमने करते क्यों आधार की बातें ? भूल गए हो कैसे तुम अपने अधिका...
दूसरा लोक व्यवहार नेग रिवाज की भी भरपाई। दूसरा लोक व्यवहार नेग रिवाज की भी भरपाई।
यह सोचा बढ़ गया मैं आगे न देखा सींग था वो ताने देख के मेरी नेकी यह सोचा बढ़ गया मैं आगे न देखा सींग था वो ताने देख के मेरी नेकी
देश के कोने-कोने में उपदेशक की भरमार है समझ नहीं आता, जाने क्यों होता नहीं सुधार है। देश के कोने-कोने में उपदेशक की भरमार है समझ नहीं आता, जाने क्यों होता नहीं स...
इसे ज्यादा क्या कर सकता, एक रचनाकार। इसे ज्यादा क्या कर सकता, एक रचनाकार।
क्यूॅंकि मैंने हमेशा सामान्यता से ऊपर उठना चाहा है। क्यूॅंकि मैंने हमेशा सामान्यता से ऊपर उठना चाहा है।