संतुलन
संतुलन
ना कभी धन से वंचित हों
ना कभी अति धन संचित हो
ना व्यक्ति अधिक खर्चीला हो
बस संतुलन से गरबीला हो....
ना कभी ईर्ष्या का नाम हो
ना अति मिलन का पैगाम हो
ना दुःख के बादल छाए रहें
बस संतुलन जीवन में बना रहे
ना क्रोध, कुंठा का प्रचार हो
ना अति प्रेम का इजहार हो
ना सुख में मदहोश रहें हम
बस संतुलन का होश रखें हम
ना अपशब्द बोलें कभी
ना चापलूसी करें कभी
ना कुढ़ते रहें हम किसी से
बस संतुलन की दुआ करें खुदा से
ना दूर हों अपनों से
ना गैरों के पास रहें
ना आदी हों किसी के
बस संतुलन से आगे बढ़ें
ना बेवजह घूमें कहीं
ना कूप मंडूक बने कभी
ना किसी की अति सुनें कभी
बस संतुलन से विचार करें सभी
सादगी जीवन मंत्र हो अपना
मैत्री भाव का सदा प्रसार हो
धैर्य से डोर बंधे ज़िन्दगी की और
संतुलन युक्त हमारा व्यवहार हो..।