सिलसिला
सिलसिला
जीत और हार का सिलसिला
ताउम्र चलता रहता है
कभी लगे आसान जीवन
कभी जटिल ये लगता है
पल-पल समस्या समक्ष आ जाती
समाधान में समय लगता है
जीत मिले मन हर्षित होता
हार मिले तो दिल रोता है
जीत जहाँ उत्साह बढ़ाती
हार तज़ुर्बा दे जाती है
सीखो अपनी गलतियों से
ये हमें परिपक्व बनाती हैं
हर मोड़ पर ज़िन्दगी एक
नया इतिहास रचाती है
जो करे चुनौती स्वीकार
महान हस्ती कहलाती है
कठिन परिश्रम से हम
जो चाहें पा सकते हैं
हार का मुंह भले देखा पहले
लेकिन आज सफल हो सकते हैं
सब दिन होत न एक समान
मनन हम इस पर करते हैं
नर हो न निराश करो मन को
चलो अपनी नई दिशा बदलते हैं।
