सपनों की राहें
सपनों की राहें
सपनों की राहें कहाँ आसान होती हैं
पल-पल पाने को किस्मत परेशान होती है
ज़िन्दगी को मुकम्मल बनाती हैं ये राहें
मगर संघर्ष जारी रखना, इनकी पहचान होती है
बहुत ही जद्दोजहद के बाद
मन एक ख़्वाब सजाता है
उसे जीवन का लक्ष्य मानकर
अपना पहला कदम बढ़ाता है
बहुत से लोगों की तुच्छ बातें
कदम पीछे खींचना चाहती हैं
लेकिन कदम-दर-कदम उठा कर
ये राहें नव अंकुर को सींचना चाहती हैं
लड़ जाती हैं ये राहें तमाम कठिनाइयों से
भर देती है उमंग मानो कई शहनाइयों से
इन राहों की ऊर्जा सदा लबालब रहती हैं
निखरती रहती हर दिन ये कई कहानियों से
होने लगते सपने साकार राहों के दम पर
चूमने लगती है कामयाबी कदम झुक कर
बजाते हैं तालियां वो लोग जो हँसते थे कभी
आज वो सामने से हालचाल पूछते हैं स्वयं रुक कर।
