कुछ इस तरह तुम हमारा प्यार निभाया करो
कुछ इस तरह तुम हमारा प्यार निभाया करो
मैं मानती हूँ कि तुमने अपना वादा निभाया है
बनकर डॉक्टर मेरे सपने को भी सजाया है
पर देखो पहनकर काला कोट वादा मैनें भी निभाया है।।
तुम कहते हो कि मैं ज़िन्दगी में आगे बढ़ गई हूँ
बड़ी बैरिस्टर बन गई हूँ
लेकिन तेरी यादों की जिरह और दलीलों ने तो
मुझे हर वक्त खुद में ही उलझाया है।
सोचती हूँ अब मैं क्या ठीक था वो फैसला हमारा―
जब घरवालों की खुशियों की खातिर हम अलग हो गए थे
हर वक्त साथ होकर भी खुद में ही तन्हा हो गए थे।
रोती हूँ मैं आज भी साथ में गुजारे
उन हसीन लम्हों को याद करके
पर खुश हूँ कि पास हमारे
साथ गुजारे हुए लम्हों की यादें हैं
और आज भी जब पलटती हूँ
मेरी डायरी के पन्ने तो तुम्हारे इत्र की
खुशबू अब भी महकाती है मेरे मन को,
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मानती हूँ मैं कि हम तब हमसफ़र ना बन पाए
पर अब जो तुम दोस्ती निभाने को कहते हो
एक बात बताओ भुलाकर प्यार हमारा
क्या खुद तुम दोस्ती निभा पाओगे ?
जिस्मों की छुअन का वो एहसास भुलाकर
दोस्ती की हदों में सीमित हो पाओगे ?
चुप क्यों हो बोलो नाबोलो
मैं जानती हूँ कि तुमसे ये सब हो नही पायेगा
मैनें तो दबा लिए एहसास
मेरे पर तुमसे ये सब हो नही पायेगा
इसलिए अब जाते जाते एक और सलाह सुन लो अपनी इस बैरिस्टर की
कि भुलाकर अतीत की यादें अब खुश रहकर ज़िन्दगी में मुस्कुराया करो
गमों को धर किनारे हर किसी को ज़ख्म टूटे दिलों के दिखाया ना करो
और हमारे प्यार से रिश्ता अब सपनों की दुनिया मे निभाया करो
कुछ इस तरह तुम हमारा प्यार निभाया करो
कुछ इस तरह तुम हमारा प्यार निभाया करो।