जीवन के मौसम
जीवन के मौसम
चहुँ ओर फैले निराशाओं के बादल एक दिन छट जाएंगे,
विश्वास लिए कदम बढ़ा तू विपत्ति के क्षण बदल जाएंगे,
जीवन की इस यात्रा में हर-पल मुस्कान भरकर मुट्ठी में,
सच्ची राह पर चलेंगे तो बिखरने से पहले संभल जाएंगे,
जीवन के उपवन में कभी पतझड़ तो कभी बसंत मिलेंगे,
मन में हो दृढ़ संकल्प तो पतझड़ में भी फूल खिल जाएंगे,
माना मुश्किलें हैं इस संसार में आसान नहीं कुछ भी इतना,
सकारात्मक भाव हृदय में भर तो हर राह सुगम हो जाएंगे,
जीवन के तूफानों की नैया में पतवार स्वयं को बनना होगा,
कभी डूबेंगे नहीं और मुश्किलों से पल भर में पार हो जाएंगे,
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मंजिल पाने के लिए कभी गिरना, कभी सम्भलना पड़ता है,
जीवन सागर से लड़कर ही आगे साहिल पर निकल पाएंगे,
हर घड़ी याद रखना कि हर शुरुआत शून्य से शुरू होती है,
कदम बढ़ेंगे आगे तो जल्दी ही शून्य से बड़ा अंक बन जाएंगे,
तिनका- तिनका जोड़कर जैसे पक्षी अपना नीड़ सजाते हैं,
उसी तरह मेहनत करने से एक दिन लक्ष्य अपना पा जाएंगे,
उस खुले आसमान में उड़ने वालों के इरादे ऊंचे होने चाहिए,
पंखों में तुम्हारे होगी जब मजबूती तो ऊंचा तुम उड़ पाओगे,
गुमसुम सी इस जिंदगी में अब अपने आईने को तलाश लो,
यदि कर लो दृढ़ संकल्प तो सन्नाटे में भी शोर बन जाओगे I