मेरे हाथों में मेंहदी आज भी तेरे नाम की ही सजाती हूँ मैं
मेरे हाथों में मेंहदी आज भी तेरे नाम की ही सजाती हूँ मैं
सुन-ए-ज़िन्दगी...
भूली नहीं हूँ तेरी उस छुअन को जिस्म पर मेरे...
तेरे होने का एहसास आज भी दिल में रखती हूँ मैं
यूँ तो कर दिया है बे'रंग मेरी जिंदगी को मैनें...
पर मेरे हाथों में मेहंदी आज भी तेरे नाम की ही लगाती हूँ मैं।
शायद तेरी यादों में जिक्र होते नहीं होंगे अब मेरे...
पर तेरे होने का एहसास आज भी दिल में रखती हूँ मैं
यूँ तो खो दिए हैं मुस्कुराहटों के रंग जिंदगी में मैनें...
पर मेरे हाथों में मेहंदी आज भी तेरे नाम की ही रचाती हूँ मैं।
भूली नहीं हूँ उन जख्मों को जो तुमने दिए थे दिल पर मेरे...
पर तेरे होने का एहसास आज भी दिल में रखती हूँ मैं
यूँ तो तुझसे कर रखा है जुदा मेरी ज़िंदगी को मैनें...
पर मेरे हाथों में मेंहदी आज भी तेरे नाम की ही बनाती हूँ मैं।
शायद तेरे प्यार के किस्सों में अफ़साने नहीं होंगे अब मेरे...
पर तेरे होने का एहसास आज भी दिल मे रखती हूँ मैं
यूँ तो कर रखा है प्यार से खफ़ा मेरी ज़िंदगी को मैनें...
पर मेरे हाथों में मेंहदी आज भी तेरे नाम की ही सजाती हूँ मैं।

