आखिरी मुलाकात
आखिरी मुलाकात
जब मिले थे आख़िरी बार,
कुछ इस तरह हुई थी हमारी बात...
कि आते हुए ना पलटकर मैंने देखा,
ना आवाज़ देकर उसने मुझे रोका था...!!
पहली दफ़ा इश्क़ को हम दोनों ने इस तरह छोड़ा था...!!
बाद इसके बातें तो फोन पर हुई हमारी बहुत सारी,
लेकिन मुलाकात दुबारा फिर हो ना सकी...!!
वीडियो कॉल का जमाना था,
इश्क़ हमारा थोड़ा पुराना था...!!
वीडियो कॉल पर एक दूसरे को देखते रहे,
इज़हार ए आशिक़ी बस ऑनलाइन ही करते रहे...!!
हर बार हाँ ना हाँ ना करते मिलने की तिथि नियत हुई...!!
उस रात की वही बात, वीडियो कॉल पर वो मुलाकात आखिरी हुई...!!
अगले दिन सुबह मिलने के समय का इंतज़ार मुझे बेसब्री से था...!!
बार बार निगाहों को मेरी कभी फोन की नोटिफिकेशन तो कभी
टिक टिक करती घड़ी की सुइयों ने अटकाया था...!!
सहसा व्हाट्सएप पर एक स्टेटस देख मेरे दिल ने धड़कनों को कुछ देर के लिए थामा था...!!
लगाया था जिसने वो स्टेटस चार बातें बिना कुछ सोचे करके फोन उसको मैंने सुनाया था...!!
बाद इसके जब सच का लगा मुझे पता तो...
बिना रुके ना जाने कब तक मेरी आँखों से आँसुओं को मैंने बहाया था...!!
मिलने की प्रतीक्षा मन में लिए उस वक्त पता चला कि...
बिना मिले ही उसने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था...!!
दो वर्षों से मिलने की हमारी इच्छा ने हमेशा के लिए दम तोड़ दिया था...!!
तब एक दूसरे की छुअन को महसूस करने की ख्वाहिशों को
कभी ना खत्म होने वाले इंतजार में बदलते मैंने पाया था...!!
कई हफ्तों तक उस आखिरी बात को, वीडियो कॉल की मुलाकात को
करके याद आँखों को अपनी भीगा हुआ ही मैंने पाया था...!!
कुछ इस तरह हमारे मिलन की आस को धर किनारे...
मैंने उसे अपना कान्हा और विरह में खोई उसकी राधा सा खुद को बनाया था।।

