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Shiv kumar Barman

Romance

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Shiv kumar Barman

Romance

प्रेम में वियोग

प्रेम में वियोग

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मै सच्चे दिल से तुझे ही पुकार रहा हूं 

सात महीने से बस तेरी ही तस्वीर को यूं निहार रहा हूं।

वो कई रातों तक मेरी यादों में वो सोई नहीं है 

सच कहूं तो मेरे दिल में तेरे अलावा कोई और नहीं है ।।

जिंदगानी के लम्हों में तेरे साथ हंसना और रोना चाहता है 

मेरी जिंदगी का मकसद सिर्फ तेरा ही होना है ।।

मैं भी किया था तुमसे अपने प्यार का जिक्र 

मां के बराबर करती हो तुम मेरी ही फिक्र ।।

क्यों अपनी तन्हाई को तुम मुझसे इस तरह छुपाती हो 

रात रात भर मेरी यादों में तुम आंसू को क्यों यु बहाती हो ।।

रब से हमने भी एक मांगी है तेरी सौगात को 

मिले हर जन्म में मुझे बस तेरा ही साथ जो ।।

तुम्हारी और मेरी दोस्ती दुनिया की सबसे बड़ी हस्ती है 

सच कहूं तो तेरी धड़कन में मेरी जान ही बसती है ।।

मिलने की रब से तुम यु फरियाद करती हो 

सर्दियों में निकलने वाले सूरज की तरह मुझे तुम याद करती हो ।।

अपनों के खातिर हम और तुम भी बहुत मजबूर हैं

मगर दिल के सबसे करीब होते हुए भी तुम मुझसे बहुत दूर हैं ।।

इस प्यार का बंधन को उम्र भर मै निभाऊंगा 

एक जन्म तो कम है अगले सात जन्मों तक तेरा हो जाऊंगा।।



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