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Shiv kumar Barman

Abstract Fantasy Inspirational

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Shiv kumar Barman

Abstract Fantasy Inspirational

जंगल में हरियाली सी

जंगल में हरियाली सी

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गूंज उठे ये कुंजर भी ,

इन कलियों में पंखुड़ियां खिल सी आयी हैं ।

जीवन में अमृत बरसाने को,

ये बारिश की बूंदें धरती पे उतर आयीं है ।।


ये नन्हे नन्हे पेड़- पौधों से,

उन जंगल में हरियाली सी खिलती है ।

लाल पीली कोंपल से,

ये जीवन की छटा निराली सी होती है ।।


वृक्षों की महिमा निराली ,

प्रकृति भी इन वृक्षों से जब सजती है।

मोरों की कूंक और चिड़ियों की चहचहाहट,

 इन वनों में जब ये गूंजती है ।।


वर्षा ऋतु भी अच्छी होती ,

जहां इन वृक्षों की अधिकता होती है ।

धरती रेगिस्तान बन सकती है ,

जहां इन वृक्षों की न्यूनता होती है ।।


वन क्षेत्र के संरक्षक बनकर,

 वनों का महत्व समझाते रहते थे ।।

जो धरा वृक्ष विहीन हो जाये तो ,

वहां ये धरती बंजर हो जाते थे ।।


अच्छी उपजाऊ धरती में भी ,

 बिन वृक्षों के कंगाली छा जाती है।।

धरती को हमको बचाना है ,

इस धरा पर खूब वृक्ष लगाना है ।


आओ हम सब वृक्ष लगाएं ,

जीवन में हरियाली की खुशियां लाए ।

घर घर में छोटे छोटे पौधे लगाकर,

 उस घर संसार को उपवन बनाएं ।।


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