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Shiv kumar Barman

Abstract Fantasy Inspirational

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Shiv kumar Barman

Abstract Fantasy Inspirational

जब सबकुछ बदल रहा है

जब सबकुछ बदल रहा है

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जब सब कुछ हर क्षण बदल रहा है

मैं तुमसे कभी न बदलने की बात कह रहा हूँ


यह बात मैं समय के विरुद्ध कह रहा हूँ

यह सोचकर कि हर बात समय के हाथ में देकर


अक्सर हम अपनी निरीहता का गान करते हैं

और उसके पीछे छिपी हमारी कायरता रह-रह कर झाँकती है


कितने कितने खूबसूरत नाम दे रखे हैं

हमने अपनी कायरता को जिसके मोह में


कभी-कभी बाज भी फँस जाते हैं

ये जानकर हमारे लिए कुछ भी छिपाना सम्भव नहीं हैं 


फिर भी हम लगातार एक कोशिश करते हैं

उन तीव्र अनुभूतियों के ख़िलाफ


जो हर बात को भेद कर सच तक जा पहुँचती हैं

मुझे ये अक्सर लगता है कि हर मौसम


उसका हर रंग तुममें आकर समा गया है

जिसको मैं तुम्हारे बदलते चेहरे के रंगों में देख लेता हूँ।


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