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Shiv kumar Barman

Abstract Fantasy Inspirational

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Shiv kumar Barman

Abstract Fantasy Inspirational

संस्कारों से प्रकाशित हो रहा जग सारा.....

संस्कारों से प्रकाशित हो रहा जग सारा.....

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सबके घर आज झुम उठा है ये आंगन दीप जलें ,

सबके मन /हृदय हो गया वो उजियारा

व्यवहार , विचार, सभी के शुभ हों रहा जग सारा ,

समस्त जग हो , फिर से न्यारा / मन प्यारा


सरल / उदार यदि सारा समाज हो रहे,

न रहे, न कोई भी इस संसार मे वो दुखियारा

समता / ममता की ज्योति मे जले तो,

संस्कारों से प्रकाशित हो रहा जग सारा


कर्म, कथन, आचरण से शुद्ध हों यदि,

मानव मन बनें गंगा _यमुना की ये धारा

जो सब निज निज अपना दायित्व निभाएं,

सुख / आनंद मय हो जाये विश्व हमारा


दीपोत्सव , उज्वल , प्रकाश का ये प्रतीक 

दिव्य , प्रभा , मय हो जाये ये भारत हमारा

राम से संस्कार, मां लक्ष्मी का ये वैभव ,

तो मिटे जीवन का घना सा ये अंधियारा



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