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Shiv kumar Barman

Abstract Inspirational

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Shiv kumar Barman

Abstract Inspirational

प्यार की कश्ती

प्यार की कश्ती

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प्रेम हैं जितना पावन ,  प्रेमी जन की उतनी प्यारी हस्ती सा ,

संसार हैं एक गहरा सागर सा ,प्रेम हैं इसकी कश्ती सा ।।

प्रेम में रंगा है जग सारा ये  ,जिस रंग रंगे हैं ये " राधे-श्याम " सा ,

प्रेम बंधन हैं सबसे पावन सा ,जो आवे " श्याम " से पहले " राधे " नाम का ।।

हर बालक में "मोहन" बसते,  " राधा " हर बाला में बसती ,

संसार हैं एक गहरा सागर ,प्रेम हैं इसकी कश्ती ।।

हैं ना कोई पतवार बना जो,  इस कश्ती को रोके ,

जाने कितने डूब चुके है ,ना जाने कितने डुबेंगें नौके ,

दो मन ऐसे बंध जाते हैं ,जैसे बंधी हो तन से रस्सी का  ,

संसार हैं एक गहरा सागर ,प्रेम हैं इसकी कश्ती का ।।         


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