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Shiv kumar Barman

Abstract Fantasy Inspirational

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Shiv kumar Barman

Abstract Fantasy Inspirational

दोहे - बरसात हो

दोहे - बरसात हो

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सुख की अब बरसात हो, दुख हो जाएँ दूर।

मन की आकुलता हटे, मिले शांति भरपूर।।


प्रभु की कृति हैं हम सभी, एक ईश के रूप ।

अतुलित ऊर्जा दे हमें, मिले स्नेह की धूप ।।


पूजा जप तप के नियम,भाव बिना हैं व्यर्थ ।

मन की दृढ़ता से बने, मानव सर्व समर्थ ।।


आँगन में उतरी अभी, धूप लिए नवरूप ।

रंग नया छाया यहाँ, जागे भाव अनूप ।।


भूल-भुलैया में फँसा,आज मनुज अनजान ।

अति आवश्यक है उसे, देना गीता ज्ञान ।।


 


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