ख्वाबों खयालों की दुनिया
ख्वाबों खयालों की दुनिया


हर दिल में होती है
एक ख्वाबों खयालों
की दुनिया ।
जहां पलते हैं सपने
इंद्रधनुषी रंगों के
जहां रहते हैं कोमल
जजबात और अहसास
बिना किसी खौफ के
जहां प्यार का बीज
अंकुरित होकर
स्नेह की छांव तले
संवेदनाओं की खाद पाकर
भावनाओं के जल से
सिंचित होकर
पल्लवित होता है
जिसमें मासूम से
फूल खिलते हैं
जिनकी एक मुस्कान से
सब थकावट दूर हो जाती है
उस दुनिया में
आशा का दीपक
निरंतर प्रज्ज्वलित होता है
उमंगों का हार
सदैव खिलखिलाता है
और धी
रज का सागर
हिलोरें मारता रहता है ।
संयम अपनी लालसाओं पर
नियंत्रण स्थापित किए हुए है
लोभ लालच दूर खड़े खड़े
टुकुर टुकुर झांकते रहते हैं
मगर कब तक ?
तब तक जब तक
स्वार्थ की खिड़की नहीं खुलती।
ऐसी ही दुनिया बसी हुई है
दूर बहुत दूर
हर एक मन में।
चलो , उस दुनिया को कुरेदें
उसे जगाएं ।
और उस दुनिया का
एक चक्कर लगाकर आएं।
क्या पता कोई नवीन विचार
रास्ते में मिल जाए
और उससे दोस्ती हो जाए।
फिर वह दुनिया और भी
रंगीन हो जाए , सुंदर हो जाए ।।