समुद्र तट पर घुड़सवारी(Pr-18)
समुद्र तट पर घुड़सवारी(Pr-18)
यूरोप महाद्वीप का सुन्दरतम देश पुराना हालैंड अब नीदरलैंड ।
जिसके निवासी धनाड्य व भाषा भी डच राजधानी एम्सटर्डम ।
हार्लिजिन,हेगा,शेवेनिंगेन से रेतीले बीच लम्बे-चौड़े यहां।
इसकी मखमली श्वेत धवल बहुआयामी चांदी सी रेत कहां।
मनोरम प्राकृतिक दृश्य देख अनायास ही मन जाता ठहर।
रंगीन मछली सुंदर ,सिर निकाले कछुआ झिलमिलाते पर ।
'डच ईस्ट इंडिया कंपनी' ने 1602 में भारत आ खोली थी।
1596में कारनेलिस डेहस्तमान ने भारत संपदा तौली थी।
शहर की भीड़ से दूर,मद्रासी शान्त,खाली तट खोज पाया था ।
डचों को चेन्नई मरीनाबीच लम्बा,स्वच्छ खूब ही भाया था ।
3 अश्वारोही संग श्वेत मारवाड़ी घोड़े में कैप्टेन था आया ।
नायाब सुंदर तट शहर की भीड़ से दूर , खींच था लाया।
2सवारों के काठियावाड़ी,घोड़े भूरे,चुस्त तीसरा था अरबी काले ।
बड़े ही फुर्तीले,बलिष्ठ ,लम्बे कान ,रेशमी बाल,हसीन अयाल वाले ।
भुवन भास्कर प्रतिबिंब देख सिन्धु जल में करते अठखेलियां ।
दुनिया की सबसे खूबसूरत बारिश बूंदों की पुष्प केलियां ।
जल ऊपर स्नाॅर्कलिंग कतारें अद्भुत थे सजीव जीवंत नजारे ।
अथाह मन समुद्र में उठती अदम्य अनन्त इच्छाओं सी लहरें ।
समुद्र में कर किलोलें,उठती-गिरती लहरें बढ़तीं कैसे आगे ।
कुछ पूरी होतीं,कुछ टूट कर जातीं बिखर तटीय किनारे भागें ।
भावनाओं का ज्वारीय सैलाब स्खलित होता मन में ।
कुछ टीस,कुछ खीज,कुछ उमंग दे जाता अश्वारोही के तन में ।
सुनहरी प्रात की में रेत रविकिरण साथ झिलमिल चमकती ।
बना घरौंदा मुसाफिर लिख नाम अपना कर निर्माण लेतीं ।
पानी की लहरे रेत में छिपी सीपियां कुछ मोती सहेज रखतीं ।
ग्रीष्म में रेतीले दमकते तट,मानो सहारा रेगिस्तानी आभा देतीं ।
दौड़ते अश्वारोही की इच्छाओं से हो रही निर्मित संचालित ।
अधूरी कामनापूर्ति में बाधक सी छिपी है चाहत विचलित ।
युवा अंतर्मन को उत्कंठा,आशा में बदल खुश हो रहे थे
समुद्रीतट पास ही एंटोनी रूडोल्फ मैव्यु ये चित्रकारी रच रहे थे।