चित्र जो बहुत कुछ कहे
चित्र जो बहुत कुछ कहे
नंदलाल बोस ने चित्र बनाया प्यारा, रंगों का मिश्रण,
उभर कर आया न्यारा
दिखा रहा सांड की लड़ाई,
स्पेन का राष्ट्रीय खेल है भाई ।
परिभाषित करते उसे एक नया कला रूप,
नाम दिया बुल फ़ाइटिंग ।
भारत में जल्लीकूट यह कहलाता,
तमिलनाडु में पोंगल पर खेला जाता
नहीं समझना, खिलाड़ी द्वारा बैल को मारा जाता,
बैल को तो यहाँ पूजा जाता
परम्परा इसकी ढाई हज़ार साल पुरानी,
नंदलाल बोस ने अमर कर दी इसकी कहानी ।
बैलों के सींग पर बाँधी सिक्कों की थैली
ज्यों ही को्धित हो वो
छोड़ दिए खिलाड़ी,
करे क़ाबू जो दीर्घ अवधि तक,
कहलाता सिकंदर, देते उसे ट्राफ़ी
पहले तो लड़कियाँ रचाती उसी से स्वयंवर।
देश विदेश में इस चित्र ने धूम मचाई
एक सांस्कृतिक घटना की पहचान बनाई,
हतप्रभ हैं सब,
बोस के पास ऐसी तूलिका कहाँ से आई॥
