बात कर
बात कर


शमा के परवानों की बात कर
तारीख़ उठाऊं तो बात कर
अभी फ़िकरे दुनिया में सोया हुआ हूं
जगाना हो मुझको तो बात कर।
ज़ुबां की रवानी बहुत हो चुकी
शमशीरे हैदर की बात कर
सबा के दिवाने मिले थे कई
कहां सांस ली वो बात कर।
ज़ख़्म खाने की आदत तो छोड़ो यहां
ज़ख़्म किसने क़ुरेदे ये बात कर
बहुत हो चुका तू मेरा या नहीं
तू किसी का हुआ क़्या, ये बात कर।
बहुत बह चुका खून ज़मीन के लिये
हो इरादा फ़लक का तो बात कर
कुछ जावेदा लाशें यहीं पे दफ़न है
खौलाना हो ख़ून तो बात कर।