कमल पुरोहित "अपरिचित" अपरिचित यानी जिसका कोई परिचय नहीं और जिसका परिचय नही उसके बारे में कुछ लिखना बेईमानी होगी। पहचान बस इतनी सी है भारत देश में जन्म हुआ और लेखन के शौक की वजह से साहित्य की दुनिया में कदम रखा है।
सोनल की दीदी भरी आँखों से उस महिला को जाते हुए देख रही थी। सोनल की दीदी भरी आँखों से उस महिला को जाते हुए देख रही थी।
"अब तू रात भर सोचना की मैंने तुझे ये थप्पड़ क्यों मारा" बोलकर साहिल वहाँ से निकल गया। "अब तू रात भर सोचना की मैंने तुझे ये थप्पड़ क्यों मारा" बोलकर साहिल वहाँ से निकल ...
तुम दुनिया को तो धोखा दे चुके हो लेकिन खुद को धोखा नहीं दे पाओगे।" तुम दुनिया को तो धोखा दे चुके हो लेकिन खुद को धोखा नहीं दे पाओगे।"
मैं एक ऐसी कठपुतली बन कर रह चुका था जिसकी डोर आपके हाथ में थी। आपने भी मुझे बहुत नचाया है। लेकिन मैं... मैं एक ऐसी कठपुतली बन कर रह चुका था जिसकी डोर आपके हाथ में थी। आपने भी मुझे बहुत...
डॉक्टर ने सुना तो उसकी भौहें चढ़ गई। उसने लगभग डांटते हुए राहुल की माँ से कहा कि आपको सि डॉक्टर ने सुना तो उसकी भौहें चढ़ गई। उसने लगभग डांटते हुए राहुल की माँ से कहा कि ...
भाई ये पेड़ ऐसा पेड़ है जिसमें न फल आते है न फूल। हमें अपनी जीविका के लिए इसे हटाना पड़ेगा भाई ये पेड़ ऐसा पेड़ है जिसमें न फल आते है न फूल। हमें अपनी जीविका के लिए इसे हटान...
सुमित ने मुस्कुराते हुए मोटर साईकल स्टार्ट की और आहिस्ता से आगे बढ़ने लगा। सुमित ने मुस्कुराते हुए मोटर साईकल स्टार्ट की और आहिस्ता से आगे बढ़ने लगा।
उसने आकांक्षा को कहा " मैंने कोई पुण्य ही किया होगा जो तुम मेरी पत्नी बनी हो" उसने आकांक्षा को कहा " मैंने कोई पुण्य ही किया होगा जो तुम मेरी पत्नी बनी हो"
इसके बाद रोहन का पढ़ाई से ध्यान निकल गया। वो सब समय अजित पंकज के साथ घूमने लगा था। इसके बाद रोहन का पढ़ाई से ध्यान निकल गया। वो सब समय अजित पंकज के साथ घूमने लगा था...
सूरज सुन रहा था और अपनी पिछली सोच पर पछता रहा था। सूरज सुन रहा था और अपनी पिछली सोच पर पछता रहा था।