कमल पुरोहित "अपरिचित" अपरिचित यानी जिसका कोई परिचय नहीं और जिसका परिचय नही उसके बारे में कुछ लिखना बेमानी होगी। पहचान बस इतनी सी है भारत देश में जन्म हुआ और लेखन के शौक की वजह से साहित्य की दुनिया में कदम रखा है।
Share with friendsमैं एक ऐसी कठपुतली बन कर रह चुका था जिसकी डोर आपके हाथ में थी। आपने भी मुझे बहुत नचाया है। लेकिन मैं अब वह डोर आपके हाथ ...
Submitted on 23 Nov, 2019 at 17:58 PM
डॉक्टर ने सुना तो उसकी भौहें चढ़ गई। उसने लगभग डांटते हुए राहुल की माँ से कहा कि आपको सि
Submitted on 20 Nov, 2019 at 17:14 PM
भाई ये पेड़ ऐसा पेड़ है जिसमें न फल आते है न फूल। हमें अपनी जीविका के लिए इसे हटाना पड़ेगा
Submitted on 18 Nov, 2019 at 17:42 PM
सुमित ने मुस्कुराते हुए मोटर साईकल स्टार्ट की और आहिस्ता से आगे बढ़ने लगा।
Submitted on 16 Nov, 2019 at 17:43 PM
उसने आकांक्षा को कहा " मैंने कोई पुण्य ही किया होगा जो तुम मेरी पत्नी बनी हो"
Submitted on 14 Nov, 2019 at 17:53 PM
इसके बाद रोहन का पढ़ाई से ध्यान निकल गया। वो सब समय अजित पंकज के साथ घूमने लगा था।
Submitted on 07 Nov, 2019 at 18:28 PM
कल ऋतु का आठवाँ जन्मदिन है। मैं और मेरी पत्नी चाहते है कि आप जरूर से ऋतु को आशीर्वाद दे
Submitted on 03 Nov, 2019 at 16:03 PM
यही दीये बड़ी दुकानों में दोगुने दाम देकर लोग खरीदते हैं।
Submitted on 25 Oct, 2019 at 13:15 PM
अभिनव शिक्षा मंदिर की टीम न सिर्फ टूर्नामेंट जीता बल्कि लोगों का दिल भी जीत लिया।
Submitted on 30 May, 2019 at 20:03 PM
माँ तुमपे क्या लिखूँ? ईश्वर का रूप देखा नहीं लेकिन तू नज़र आती हैं। मेरी पूजा में सबसे पहले माँ ही पूजी जाती हैं।
Submitted on 20 May, 2017 at 04:27 AM