Kamal Purohit

Abstract Inspirational

4.6  

Kamal Purohit

Abstract Inspirational

थप्पड़ क्यों मारा

थप्पड़ क्यों मारा

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अमित सुबह नींद से उठने के बाद अखबार पढ़ रहा था। मुख्य पृष्ठ पर दिल दहला देने वाली घटना की जिक्र था। एक सांस में उसने खबर पढ़ डाली। घटना एक महिला के साथ अमानवीय व्यवहार कर मार डालने की थी। 

अमित को पढ़ कर गुस्सा आ गया। उसके मन में उस महिला को न्याय दिलाने की भावना जाग्रत हुई। उसने तुरंत अपना फेसबुक खोला और एक लंबी चौड़ी पोस्ट बनानी शुरू कर दी। कुछ ही देर में उसने सरकार,पुलिस मीडिया, यहाँ तक कि इंटरनेट को दोष देते हुए एक पोस्ट तैयार कर ली।दो-तीन बार उसे पढ़ने के बाद उसने उसे पोस्ट कर दिया

कुछ ही देर में कमेंट और लाइक आने लगे। अमित सबके कमेंट का रिप्लाई भी देने लगा। 

थोड़ी देर बाद वह तैयार हो कर काम पर चला गया।दफ्तर में भी उस ख़बर की चर्चा चल रही था। सब अपनी अपनी सोच अनुसार किसी न किसी को दोष दे रहे थे।

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बार बार अमित हर किसी पर दोषारोपण किये जा रहा था। सब उसकी बात पर सहमति भी जता रहे थे।

दफ्तर के बाद अमित अपने दोस्तों के साथ रोजाना नुक्कड़ की चाय दुकान पर कुछ देर गपशप करता था, फिर घर जाता था।

आज भी अपने दोस्तों के साथ वह चाय की दुकान पर गपशप कर रहा था। 

अचानक एक लड़की उधर से गुजरी ! 

जैसे ही अमित की नजर उस लड़की पर पड़ी, उसने अपने दोस्तों को कहा "भाई क्या लड़की है"।

काश ! ये तुम्हारे भाई की गर्लफ्रेंड होती।

साहिल जो उसका दोस्त और कलीग था, उसने जैसे ही सुना एक थप्पड़ अमित को जड़ दिया।

"अब तू रात भर सोचना की मैंने तुझे ये थप्पड़ क्यों मारा" बोलकर साहिल वहाँ से निकल गया।


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