पहला गुलाब।
पहला गुलाब।
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बेपनाह इश्क का पहला गुलाब,
हसीन कोई ले रही नहीं जनाब।
साथ-साथ रहना है ज़िंदगी भर,
देती ना कोई भी इसका जवाब।
पहले प्यार करने जा रहे नवाब,
ज़िंदगी में बेतहाशा व बेहिसाब।
चाहते सच्ची मुहब्बत है जनाब,
सिर्फ़-सिर्फ़ हमें करते बेहिसाब।
माता-पिता भी अमीर या गरीब,
दिल से ख़ूब अमीर चाहे जनाब।
वो हमेशा दिल की बेगम जनाब,
जिनके सिर्फ़ होगें हम ही नवाब।