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Sumit. Malhotra

Abstract Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Action

प्रकृति के बगैर ।

प्रकृति के बगैर ।

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प्रकृति के बगैर जीवन जीना,

प्रकृति के बगैर हमारा जीना।

प्रकृति के बिना समस्त सृष्टि,

सोचना भी सपने में ऐसा ना।


प्रकृति से चल रही दुनिया है,

इसके बिना जीना संभव ना।

पेड़-पौधे और पानी ये सभी,

प्रकृति के कारण तो मिले हैं।


हरियाली और रास्ता साथ में,

तभी तो ऐसा भी संभव यारों।

जब हम सभी प्रकृति के संग,

उसके अनुसार सब काम करें।


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