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Sumit. Malhotra

Abstract

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Sumit. Malhotra

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यादों के झरोखे

यादों के झरोखे

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यादों के झरोखे हमारे बहुत ही सारे, 

खट्टी- मीठी यादों के झरोखे ये प्यारे।


कुछ साल पहले हमारी मुलाकात हुई, 

उनकी मुस्कान दिल को ही न छू गई। 


यार पहली मुलाकात में बात बन गई, 

दोनों ने बस स्टैंड पर साथ में चाय पी।


साथ-साथ हम दोनों बातें करते थे रहें, 

बस का इंतज़ार समोसे खाके कर रहे।


बस के आने पर हम दोनों साथ ही बैठे, 

राह में नींद आई और जागे वो फ़ुर्र हुई।


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